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Tuesday, July 8, 2025

आवास कर्मियों के संघर्ष की जीत : सरकार ने मानी मांगें, मानदेय बढ़ाने का दिया आश्वासन

जगदूत न्यूज खगड़िया बिहार ब्यूरो चीफ प्रभु जी पटना / खगड़िया राजधानी पटना के गर्दनीबाग में पिछले 14 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हजारों ग्रामीण आवास कर्मियों का आंदोलन आखिरकार रंग लाया। राज्य सरकार ने आवास कर्मियों की प्रमुख मांगों को गंभीरता से लेते हुए मानदेय में वृद्धि का आश्वासन दिया है। इसके बाद सगासा संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के नेतृत्व में आवास कर्मियों ने आंदोलन को स्थगित करते हुए सोमवार से काम पर लौटने की घोषणा की है। राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ सगासा, बिहार के प्रदेश प्रवक्ता आचार्य राकेश पासवान शास्त्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि 16 सूत्री मांगों को लेकर 16 जून से पूरे राज्य में आवास कर्मी हड़ताल पर थे। उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव से हुई बातचीत के बाद जो सकारात्मक आश्वासन मिले हैं, उसी के आलोक में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि कुछ जिलों में कर्मियों द्वारा हड़ताल जारी रखने की खबरें भी आ रही हैं, जो सरकार पर भरोसे की कमी को दर्शाता है।मानदेय और स्थायीत्व रहा प्रमुख मुद्दा श्री शास्त्री ने बताया कि पिछले सात वर्षों से कर्मियों का मानदेय नहीं बढ़ाया गया है, जबकि महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वर्ष 2014 से लगातार उत्कृष्ट कार्य करने के बावजूद आवास कर्मियों को न तो सम्मानजनक वेतन मिल रहा है और न ही सरकारी कर्मचारी जैसा दर्जा। उन्होंने कहा, “हमारे संघर्ष की आवाज सरकार तक पहुँची, पर यह सिर्फ शुरुआत है। अगर वादे समय पर पूरे नहीं हुए तो 15 दिन बाद फिर से व्यापक और निर्णायक आंदोलन शुरू किया जाएगा। सरकार को कर्मियों की दो टूक चेतावनी जिला संयोजक संतोष आर्या एवं जिला सचिव मधुसूदन कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने समयबद्ध तरीके से आश्वासनों को अमल में नहीं लाया, तो यह आंदोलन और भी अधिक उग्र रूप लेगा। कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा मानसिक उत्पीड़न, अमर्यादित व्यवहार और मानदेय में कटौती जैसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। कई कर्मियों की सेवा अनुचित रूप से समाप्त कर दी गई है। मानवाधिकार आयोग के आदेश की अब तक अवहेलना श्री शास्त्री ने यह भी बताया कि मानवाधिकार आयोग द्वारा 29 दिसंबर 2021 को पारित आदेश के बावजूद अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। तीन-तीन जांच कमेटियां बनीं लेकिन निष्कर्ष आज तक शून्य रहा, जिससे कर्मियों में व्यापक आक्रोश है। अबकी बार आर-पार की लड़ाई’ की हुंकार, सगासा के जिला कोषाध्यक्ष राजेश कुमार, आकाश कुमार, चन्दन कुमार एवं असद उल्लाह शाद ने सरकार की “फूट डालो और राज करो” नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि इस बार पूरे राज्य के आवास कर्मी एकजुट हैं और यदि सरकार ने अपनी वादाखिलाफी दोहराई तो अगला आंदोलन निर्णायक होगा। मौके पर दर्जनों आवास कर्मी उपस्थित थे जिन्होंने एक स्वर में कहा कि अबकी बार सिर्फ आश्वासन नहीं, सही और समयबद्ध क्रियान्वयन चाहिए, नहीं तो “हक नहीं तो वोट नहीं” का नारा जनआंदोलन में बदल जाएगा।

Prabhu Jee
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ब्यूरो चीफ, खगड़िया (जगदूत न्यूज)
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