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Tuesday, July 8, 2025

सरकार को दी गई चेतावनी ,हक नहीं तो वोट नहीं अबकी बार आर-पार की लड़ाई

*एक बार फिर संघर्ष की गूंज से गूंज उठा गर्दनीबाग ,आवास कर्मियों ने 16 सूत्री मांगों को लेकर किया ऐतिहासिक प्रदर्शन*

जगदूत न्यूज खगड़िया बिहार ब्यूरो चीफ प्रभु जी खगड़िया पटना बिहार की राजधानी पटना स्थित गर्दनीबाग धरना स्थल एक बार फिर जनआंदोलन का साक्षी बना, जब राज्य भर से हजारों की संख्या में जुटे ग्रामीण आवास कर्मियों ने अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर ऐतिहासिक धरना प्रदर्शन किया। यह विशाल प्रदर्शन सगासा संघर्ष समन्वय समिति, बिहार के बैनर तले आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता श्री जितेन्द्र कुमार वर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष) ने की और मंच संचालन सगासा के प्रदेश प्रवक्ता आचार्य श्री राकेश पासवान शास्त्री ने किया।कार्यक्रम की शुरुआत मशाल प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें श्री अभिषेक आनंद (ग्रामीण आवास संघ), श्री आलोक कुमार (प्रखंड लेखापाल संघ), श्री धर्मेन्द्र कुमार यादव (राज्य ग्रामीण आवास सेवा संघ), श्री दिलीप कुमार शर्राफ (राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ सगासा), एवं श्री शशि शेखर यादव (समासा संघर्ष समन्वय समिति) की उपस्थिति रही।सरकार की अनदेखी से आक्रोशित कर्मी , धरना को संबोधित करते हुए श्री पंकज साण्डिल्य (ग्रामीण आवास पर्यवेक्षक संघ) ने कहा कि 2014 से आज तक आवास कर्मियों ने तमाम चुनौतियों के बावजूद उत्कृष्ट कार्य किए हैं, जिसके लिए भारत सरकार से कई सम्मान भी मिले हैं। बावजूद इसके, आज भी कर्मियों को मानदेय एवं सुविधाओं के मामले में नजरअंदाज किया जा रहा है। प्रखंड लेखापाल संघ के श्री निरंजन कुमार और राणा रंधीर कुमार ने कहा कि अंतिम बार मानदेय पुनरीक्षण वर्ष 2018 में हुआ था, उसके बाद से सात वर्षों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। महंगाई चरम पर है और कर्मियों के परिवारों को न्यूनतम जीवन स्तर की सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।सरकार को दो टूक चेतावनी ,प्रदेश अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र कुमार यादव ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार ने यथोचित मानदेय और सरकारी सुविधाओं की घोषणा शीघ्र नहीं की, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।श्री दिलीप कुमार शर्राफ ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वरीय पदाधिकारी आवास कर्मियों के साथ मानसिक उत्पीड़न, मानदेय कटौती और अमर्यादित व्यवहार कर रहे हैं। कई कर्मियों की सेवा अनुचित तरीके से समाप्त कर दी गई है, जिसे वापस लिया जाना चाहिए।मानवाधिकार आयोग द्वारा 29 दिसंबर 2021 को पारित आदेश का भी अब तक अनुपालन नहीं किया गया है। तीन-तीन कमेटियां बन चुकी हैं, लेकिन निष्कर्ष अभी तक शून्य है। इससे कर्मियों में भारी नाराजगी है।अबकी बार आर-पार की लड़ाई, सगासा के प्रदेश अध्यक्ष श्री शशि शेखर यादव ने कहा कि सरकार “फूट डालो और राज करो” की नीति अपना रही है, लेकिन इस बार पूरे राज्य के आवास कर्मी एकजुट हैं। अगर सरकार ने अब भी मांगें नहीं मानीं, तो यह आंदोलन निर्णायक होगा।प्रदेश महासचिव श्री राकेश कुमार ने कहा कि अपमानजनक भाषा में संबोधित कर कर्मियों की गरिमा को ठेस पहुंचाई जा रही है। पूरे बिहार के कर्मियों में गुस्सा है, जो सरकार को भारी पड़ेगा।नारे और जज्बा, हक की गूंज से कांपा पटना,धरना में बिहार के सभी जिलों से आए हजारों ग्रामीण आवास सहायक, लेखापाल और पर्यवेक्षक शामिल हुए। “हक की सरकार चाहिए”, “तेरह हजार में दम नहीं”, “चालिस-पचास से कम नहीं”, “नीतीश कुमार हाय-हाय”, जैसे गगनभेदी नारों से गर्दनीबाग का माहौल जोशीला और आंदोलित रहा। निष्कर्ष: संघर्ष जारी रहेगा, कर्मियों की एक ही मांग है, 16 सूत्री मांगों को तुरंत लागू किया जाए, जिसमें सम्मानजनक मानदेय, सेवा स्थायीत्व, मानसिक उत्पीड़न पर रोक और सभी बर्खास्त कर्मियों की बहाली शामिल है।
यदि सरकार ने जल्द पहल नहीं की, तो आवास कर्मियों का यह आंदोलन राज्य की सियासत को हिला कर रख देगा।

Prabhu Jee
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ब्यूरो चीफ, खगड़िया (जगदूत न्यूज)
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