*बेसहारों का आश्रय व बिछड़ो को उनके परिवार से मिलाने काम करती है गायत्री सेवा धाम ट्रस्ट – पाण्डव कुमार*
जगदूत न्यूज खगड़िया बिहार ब्यूरो चीफ प्रभु जी, मानसी ,खगड़िया। गायत्री सेवा धाम ट्रस्ट सबलपुर,मारर को 19 जून को बलिया थाना से सूचना व पत्र के साथ एक मुख बधिर व मानसिक रूप से बीमार उम्र लगभग 60 वर्ष की महिला सुपुर्द किया गया। ट्रस्ट द्वारा नजदीक के सभी थानो से उक्त महिला की जानकारी ली गई लेकिन कही कोई खबर नही मिली। अचानक ट्रस्ट के सचिव को 23 जून को मालुम हुआ की गोगो देवी, पति स्व ब्रहमदेव प्रसाद ठाकुर, उम्र – 58 साल, पता- बनारसी राय टोला, ग्राम- टिकाराम पुर ( बासदेव पुर) , जिला – मूंगेर ( बिहार) 10 जून को घर से निकली जो अब तक घर लौट कर नहीं आई है.। वो भी मानसिक रूप से बीमार व मुख वधीर है । फिर ट्रस्ट द्वारा उनके परिवार से व टीकारापुर पुलिस कैंप, मानसी थाना व गांव के लोगो से सम्पर्क कर उनके परिवार बेटी व दामाद हिरा ठाकुर से महिला को मिलाया गया।
खोई माँ से परिवार मिलकर काफी प्रसन्न हुई और बोली यदि ये ट्रस्ट न होता तो पता नही मेरी माँ जीवित भी मिलती की नही इसका कोई गारंटी नही था।
वही खोई महिला को उनके परिवार से मिलाने पर ग्रामीण ,परिवार सहित ऑल रिपोटर्स यूनियन ऑफ नेशन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अरुण कुमार वर्मा, भारतीय नाई समाज के जिला अध्यक्ष श्रवण ठाकुर, प्रांतीय मीडिया मीडिया प्रभारी सह जिला सचिव पाण्डव कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष गुड्डू ठाकुर, पूर्व जिला उपाध्यक्ष कालेश्वर ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष रामजी ठाकुर,प्रमोद ठाकुर, जिला सलाहकार नरेश ठाकुर ,संगठन मंत्री रंजन ठाकुर, जिला कोषाध्यक्ष शम्भू ठाकुर, युवा जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, जिला युवा सचिव कुंदन कुमार, युवा प्रखंड अध्यक्ष राजेश कुमार आदि ने भी माँ गायत्री सेवा धाम ट्रस्ट को आभार प्रकट करते हुए बलिया थाना के थानाध्यक्ष व ट्रस्ट को धन्यवाद देते हुए कहा यदि हर व्यक्ति जागरूक हो तो कोई परिवार एक दूसरे से लापता नही होगा। जिस प्रकार इस लापता महिला को दो अज्ञात महिला ईश्वर का रूप बनकर आई और उसे बलिया थाना को सुपुर्द की ठीक उसी प्रकार हम सभी को भी ऐसे कार्य करनी चाहिए । आज खगड़िया रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ द्वारा ऐसी कई गुमसुदा व्यक्ति,महिला, बच्चे व बच्चियों को उनके परिवार से मिलाने अन्यथा ट्रस्ट को सुपुर्द करने का काम किया जा रहा। यदि हर थाना , हर व्यक्ति ऐसे काम करने लगे तो अनाथालय में बुजुर्ग महिलाओ की संख्या निरंतर घटती जाएगी।