टंकप्रसाद दाहाल(प्रसाद)भिलाड-सरीगाम(वलसाड-गुजरात
आपको एंव आपके समस्त परिवारों को हर्ष एवं आस्था के प्रतीक पर्व रूप चतुर्दशी एवं नरक चतुर्दशीकी एंव छोटी दिवाली की तथा कुत्तों की पूजा के लिए समर्पित कुकुर तिहार की हार्दिक बधाई एवं
अनंत शुभकामनाएं—–दीपोत्सव का नरक चतुर्दशीकी एंव छोटी दिवाली यह महापर्व आप सभी के जीवन में सुख-समृद्धि एवं उत्साह लेकर आए, ऐसी मंगलकामना करता हूँ,
दीपोत्सव की महोत्सव मे नरक चतुर्दशी के रूप में मनाई जाने वाली-छोटी दिवाली के एंव नरक चतुर्दशी की –तथा कुत्तों की पूजा के लिए समर्पित कुकुर तिहार की इस पावन व मंगल अवसर पर प्रभु के चरणों में यही प्रार्थना कि नरकासुर रूपी दु:खों का संहार हो, हर संताप मिटे और सुख, शांति, यश की प्राप्ति हो और
शुभ, आनंद, समृद्धि के अनंत दीप आपके जीवन में सतत देदीप्यमान रहें,आपके जीवनमें सुख-समृद्धि के अखंड दीप प्रज्वलित हों,स्वास्थ्य रूपकी प्राप्ति हो–ऐसी कामना करता हूं ,नरकान्मुञ्चति विश्वं,यो नरकासुरान्तक:।
आत्मज्योतिर्प्रकाशार्थं,वन्दे तं परमेश्वरम्,
सबका दुख,कष्ट,द्वेष,अहंकार रूपी दानव का नाश हो एवं समाज में सद्भावना का संचार हो इसी कामना के साथ आपको और आपके समस्त परिवार को छोटी दिवाली की बहुत- बहुत बधाई और असिम शुभकामनाऐ और आप सभी बड़ो को चरण स्पर्श और छोटे लोगो को शुभ मंगल आशीष..॥🎇🌺🎆
व्यवहार घरका शुभ कलश है । और इंसानियत घर की तिजोरी।। मधुर वाणी घर की धन दौलत है ।।और शान्ति घर की महालक्ष्मी ।। पैसा घर का मेहमान है। और एकता घर की ममता, व्यवस्था घर की शोभा है।।और समाधान सच्चा सुख🌺।। छोटी दीवाली, जिसे नरक निवारन चतुर्दशी या भूत चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है, अश्विन के विक्रम संवत कृष्ण पक्ष के 14 वें दिन आती है। यह हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार का दूसरा दिन है। किंवदंतियों के अनुसार एंव एक कथा के अनुसार आज के दिन ही सत्यभामा और काली ने मार दिया था। और इसी दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी दु्र्दान्त असुर नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था। इस उपलक्ष्य में दियों की बारत सजायी जाती है। इस दिन को सुबह-सुबह धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों द्वारा मनाया जाता है। ऐसा ही एक त्यौहार जो त्योहारों के सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, वह है छोटी दिवाली,जिसे हिंदुस्तान के एंव नेपाल के और बाहिरी देशों की कुछ हिस्सों में नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। छोटी दीपावली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं, यह दिन यमराज को समर्पित है और यमराज के नाम से यम दिया दरवाजे पर जला कर रखा जाता है और अपने बंधु बांधव और रिश्तेदारों की लंबी उम्र की कामना की जाती है धनतेरस से लेकर भाई दूज तक हर दिन से अलग-अलग मान्यताएं जुड़ी हैं. ऐसे में हर दिन के लिए तैयारियां भी अलग और मान्यता है और विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोकमान्यताएं हैं। आज दिवाली 2024 समीप है और भव्य हिंदूओं त्यौहार का उत्सव पूरे जोरों पर शुरू हो गया है। लोग नए कपड़े, गैजेट खरीदते हैं, अपने घर को साफ करते हैं और सजाते हैं, घर और कार्यालय परिसर के खुले स्थानों में मिट्टी के दीपक और फैंसी लाइट स्थापित करते हैं। दीपावली, जिसे दीपावली के रूप में भी जाना जाता है, एक 5-दिवसीय त्योहार है और विभिन्न समुदायों के लोग विभिन्न दिनों में विभिन्न त्योहार मनाते हैं।
…।। क्या आपने कभी कुत्तों का उत्सव मनाया है.।।….
जी हां, नेपाल-भारत एंव अन्य देशमें एक ऐसा भी अनोखा उत्सव है जहां लोग कुत्तों की पूजा करते हैं… ये है नेपाल-भारत के विभिन्न क्षेत्रका प्रसिद्ध त्योहार कुकुर तिहार… ये एक वार्षिक हिन्दू त्योहार है… जहां मृत्यु के देवता यम को प्रसन्न करने के लिए कुत्तों की पूजा की जाती है. वैसे तो मृत्यु के देवता यमराज का वाहन एक भैंसा है… लेकिन इसके अलावा भी यमराज के पास दो कुत्ते भी हैं. जिनका नाम शारवर और श्याम है। जो स्वयं नरक के द्वारपाल हैं. जिनका वर्णन ऋग्वेद के यम सूक्त में मिलता है. कुकुर तिहार एक पांच दिवसीय उत्सव का हिस्सा है जो दिवाली के आस पास मनाया जाता है… इस त्योहार के दौरान कुत्तों को टीका लगाकर आशीर्वाद लिया जाता है. इसमें केवल पालतू जानवरों को नहीं बल्कि सभी आवारा कुत्तों को भी सम्मानित किया जाता है…जो जानवरों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है…..।।।
….।।। कुकुर तिहार कब मनाया जाता है…..??
कुत्तों की पूजा के लिए समर्पित कुकुर तिहार हर साल तिहार (दीपावली) पर्व के दूसरे दिन मनाया जाता है, जो नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में आता है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है।तिहार का पांच दिवसीय उत्सव विभिन्न दिनों पर अलग-अलग देवी-देवताओं और पशुओं को समर्पित होता है, और कुकुर तिहार इसका दूसरा दिन होता है, जब कुत्तों का विशेष सम्मान किया जाता है। इस दिन कुत्तों को टीका लगाया जाता है, फूलों की माला पहनाई जाती है, और स्वादिष्ट भोजन खिलाकर उनके प्रति आभार प्रकट किया जाता है…।
अत – आपको एंव समस्त परिवारों को आस्था के प्रतीक पर्व काली-नरक चतुर्दशी व छोटी दिवाली की अनंत शुभकामनाएं || आप सभीके अपना शुभेच्छुक -टंकप्रसाद दाहाल(प्रसाद)भिलाड-सरीगाम(वलसाड-गुजरात)