जगदूत न्यूज अनिल कुमार गुप्ता ब्यूरो प्रमुख जहानाबाद किंजर , अरवल : 1857 के काल में ब्रिटिश हुकूमत से 80 वर्षों की उम्र में लड़ाई लड़ने वाले वीर बाकुड़ा बाबू कुंवर सिंह की अस्वरोही प्रतिमा किंजर पुनपुन नदी तट के समीप वर्षो पूर्व स्थापित की गई है इस महान स्वतंत्रता सेनानी की मूर्ति की स्थापना में किंजर के कई लोगों का काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है अरवल जहानाबाद पाली टेकारी दाउदनगर आदि इलाके के इकलौता मूर्ति किंजर में ही स्थापित है इस स्मारक के निर्माण के समय तत्कालीन विधायक सत्यदेव कुशवाहा तथा तत्कालीन सांसद डॉ जगदीश शर्मा एवं डॉ अरुण कुमार ने भी अपने-अपने तरफ से महत्वपूर्ण योगदान किया था निर्माण काल के समय कई तथा कथित समाजसेवी भी उभर कर आए थे जो निर्माण कार्य में एजेंसी के माध्यम से उसके फाउंडेशन और सौन्दर्जिकरण के लिए संवेदक का भी काम किया था उस वक्त लगता था कि यह निर्माण कर्ता अपने घर द्वार की तरह इस राष्ट्रीय महत्व के स्टैचू के लिए भी पूरी ध्यान रखेंगे लेकिन स्मारक निर्माण के बाद कुछ महत्वपूर्ण लोग जो पूरी तरह डीमोटी थे वे तो अब इस दुनिया से विदा हो गए लेकिन जो लोग तथा कथित समाजसेवी बन रहे थे वे लोग अब भूल कर भी उक्त स्मारक के पास कभी भूल से भी नहीं आते जाते हैं उनका काम वास्तविकता में केवल ठेका पटा तक ही था इस समय की वास्तविक स्थिति है कि बाबू साहब की मूर्ति उनका घोड़ा तलवार आसपास के चबूतरे पर धूल की मोटी परत जमी हुई है कुंवर सिंह पार्क के नीचे भी उसमें घास उग आए हैं अब आने वाले 26 जनवरी को ही राष्ट्रीय ध्वज के झंडा तोलन के दिन ही जिनकी जिम्मेवारी है वे तो अवश्य ही साफ सफाई रंग रोगन करेंगे ही लेकिन जरूरत है इस राष्ट्रीय महत्व के स्मारक को सप्ताह दो सप्ताह में एक दिन नियमित रूप से साफ सफाई की ताकि आने वाले पीढ़ी अपने पूर्वजों को याद कर देशभक्ति की कहानी को पुनर्नजीवित कर सकें।