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Sunday, May 18, 2025

जिला कांग्रेस के पूर्व जिलाअध्यक्ष सह प्रदेश डेलिगेट कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने प्रेस जारी बताया

जगदूत न्यूज खगड़िया बिहार ब्यूरो चीफ प्रभु जी खगड़िया नेशनल हेराल्ड केस – सच क्या है?, झुठ क्या है? तथा असलियत क्या है, खगड़िया जिला कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष सह प्रदेश डेलिगेट कुमार भानु प्रताप उर्फ गुड्डू पासवान ने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर प्रेस को जारी कर बताया कि अंग्रेजी हुकुमत को जड़ से उखाड़ने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साल 1937 में नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला। इसका हिन्दी एडीशन था । नवजीवन व उर्दू एडीशन कौमी आवाज था।इस अखबार के प्रणेता महात्मा गांधी,सरदार पटेल,पुरुषोत्तम दास टंडन,आचार्य नरेन्द्र देव एवं रफी अहमद किदवई।अंग्रेजो को इस अखबार से खतरा महसूस हुआ तो साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान नेशनल हेराल्ड पर प्रतिबंध लगा दिया। जो साल 1945 तक चला।इस अखबार को चलाने के लिए साल 1937-38 में ही एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) नाम की कंपनी गठन कर जिसमें नाॅट फाॅर प्राॅफिट जिसमें कंपनी के मालिकों को एक भी पैसे का भुगतान नहीं हो सकता और न तो डिविडेंड दिया, जा सकता और न ही तनख्वाह दी जा सकती और न प्राॅफिट दिया जा सकता और न ही मालिक कंपनी के शेयर को बेच सकता,अगर शेयर बेचने भी हों,तो वो केवल किसी नाॅट फाॅर प्राॅफिट कंपनी को ही दिए जा सकते है।यह कंपनी साल 1937 से आज तक कायम है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के पास 6 शहरों में अचल संपत्ति है,जिसमें दिल्ली,पंचकुला,मुंबई,लखनऊ,पटना एवं इन्दौर में है। परंतु एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड केवल लखनऊ की संपत्ति की मालिक है, तथा बांकी सभी संपत्तियां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को केवल लीज पर दी गयी है,तो अखबार चलाने के लिए लीज पर दी गई,इन संपत्तियों की कीमत कैसे आंकी जा सकती है। इसलिए हजारों करोड़ की संपत्ति का आरोप ही अपने आप में फर्जीवाड़ा है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड व नेशनल हेराल्ड अखबार समय- समय पर अपने कर्मचारियों की तनख्वाह,वी आर एस, नगर निगम को दिया जानें वाला हाउस टैक्स तथा दूसरी कानूनी देनदारी का भुगतान नहीं कर पाया,क्योंकि अखबार मुनाफा नहीं कमा रहा था,इसलिए समय- समय पर इन सब देनदारियों के भुगतान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अपनी जिम्मेवारी मानते हुए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड व नेशनल हेराल्ड अखबार को 90 करोड़ कर्ज दिया,यह भारतीय कांग्रेस राष्ट्रीय कांग्रेस की जिम्मेवारी थी।भी,क्योंकि नेशनल हेराल्ड अखबार आजादी के संग्राम का चिन्ह भी है,तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नीतियों व सोच का हिस्सा भी है। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड व नेशनल हेराल्ड अखबार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा दिया गया यह 90 करोड़ रुपये का कर्ज अखबार वापस कभी चुका नहीं सकता था,इसलिए विद्वान अधिवक्ताओं की राय के अनुसार एक और नाॅट फाॅर प्राॅफिट कंपनी यंग इण्डिया लिमिटेड का गठन किया गया,जिसमें यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी जी,राहुल गांधी जी,सैम पित्रोदा,मोती लाल वोरा,आस्कर फर्नाडिस एवं सुमन दुबे डायरेक्टर व शेयर होल्डर बने।
यंग इंडिया लिमिटेड नाॅट फाॅर प्राॅफिट कंपनी है,यानि इसके मालिक शेयर होल्डर या डायरेक्टर न तो तनख्वाह ले सकते और डिविडेंड या प्राॅफिट ले सकते है,और न इसके शेयर बेचकर पैसा ले सकते हैं,यह कानूनी प्रावधान सेक्शन-25 इंडियन कंपनीज एक्ट में साफ लिखा है।
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड व नेशनल हेराल्ड का भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से सीधा जुड़ाव है व यंग इण्डिया लिमिटेड का भी हमारा अखबार,हम कर्ज दे,हम चलायें,हम उनका कर्ज माफ करें,तो भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार के पेट में दर्द क्यों है। बीजेपी के कहने पर सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी चुनाव आयोग जा पहुंचे जहां उन्होंने कांग्रेस द्वारा नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ रुपये कर्ज देने के बारे में बकाया अदा करने हेतु शिकायत दर्ज की। नवम्बर 2012 में चुनाव आयोग ने इसकी शिकायत खारिज कर दी।जब चुनाव आयोग नवम्बर 2012 में केस खारिज कर दिया तो फिर वह ईडी या सीबीआई के पास क्यों नहीं गए। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के द्वारा दायर की गई शिकायत की जांच लगभग तीन साल तक ईडी में चल रही थी,और अगस्त 2015 में ईडी ने इस शिकायत में कोई अपराध नही पाया तथा इसे बंद कर दिया। मोदी सरकार ने उस समय के ईडी निदेशक राजन कटोक्ष को आनन फानन में बदल दिया तथा ईडी से बंद हुए केस को जबरन सितम्बर 2015 में शुरु करवा दिया,इससे बड़ा राजनीतिक बदले की भावना से बड़ा सबूत क्या हो सकता है! दस साल चली जांच के बावजूद भी कोई अपराध साबित नहीं हो पाया।अब जब समय सीमा समाप्त हो रही थी,तो आनन फानन में राजनीतिक प्रतिशोध के चलते सोनिया गांधी जी,राहुल गांधी जी एवं अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर कर इनके छवि को घूमिल करने एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को बदनाम करने की कुचक्र साजिश रची गयी।

Prabhu Jee
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ब्यूरो चीफ, खगड़िया (जगदूत न्यूज)
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