कवयित्री – अनुपम सिंह, महाद्दीपूर्,खगाडिया( शिक्षिका) संगीतकार, कलाकार
“नन्हा सा है मेरा बेटा-!
नटखट चंचल न्यारा बेटा!!
बोल तुतली, है मस्त-मौला!
घूमे-फिरे पहन के चोला!!
मांगे कभी जलेबी- छोला!
पीना चाहे कोका–कोला!!
बड़ा मस्त अब प्यारा बेटा!
नट-खट चंचल मेरा बेटा !!
हरकत से सबके मन भाता!
हँसी–ठिठोली से बहलाता!!
करे इशारे गगन बताता!
“चंदा मामा” उसे सुहाता!!