आम अदिमी खातिर काठ के कुरसी बइठे के चीज हs. लेकिन राजनीति में इहे कुरसी, सत्ता के सिंहासन हs. हैसियत के निशानी हs. राजनीति में कुरसी ही परम सत्य हs . एकरा से जुड़ल अनगिनत कहानी बा. 1975 में एगो फिलिम बनल रहे ‘किस्सा कुर्सी का’. इमरजेंसी में ई सिनेमा पs रोक लाग गइल रहे. लेकिन जइसे-तइसे 1977 में रिलीज भइल रहे. 45 साल बाद कुरसी से जुड़ल एक अउर खिस्सा चरचा में बा. पटना के एक नेता से काल्ह फोन पs बात भइल रहे. ऊ बतवले कि तेजपरताप अउर तेजस्वी के बिबाद के बीया राजद के इफतार पाटी में बोआइल रहे. ओह दिन मुखमंतरी के बगल में बइठे के रहे तेजस्वी के लेकिन बइठ गइले तेजपरताप. ओह घरी तs सब सहज भाव से निबट गइल लेकिन बाद में बबाल हो गइल. तब अब रउआ सभे सुनी, ‘खिस्सा कुरसी का, बिहार एपिसोड एसपेसल’.
कुरसी, कुरसी के फेर
झलक बबा के बात पs रघुनंदन चा कहले, का भइल, कइसे भइल तनी फरिया के बताईं बबा . झलक बबा मोबाइल निकाल के एगो फोटो जूम कइले. डिजिटल मीडिया में राजद इफतार पाटी के खबर अउर फोटो के भरमार रहे. झलक बबा पहिले एक फोटो देखवले, एकरा में मुखमंतरी नीतीश जी सोफा पs बइठल बानी अउर हाथ जोड़ के सामने देख रहल बानी. सीएम के बगल में तेजस्वी यादव बइठल बाड़े. एकरा बाद ओही सोफा के हत्था पs तेजपरताप बइठल बाड़े. तनी देर के बाद झलक बबा दोसर फोटो देखवले. एह फोटो में मुखमंतरी के बगल में तेजपरताप बइठल बाड़े. एकरा बगल में एगो छोट कुरसी राखल रहे जवना पs तेजस्वी यादव बइठल बाड़े. जब सभ केहू दूनो फोटो देख लेलस तब झलक बबा कहले, ई दूनो फोटो देख के रउआ सभे का समझनी ? फोटो देख के कुछ बात खटकल कि ना ? कुछ देर सोच के जटाशंकर कहले, हां ! सजल धजल सोफा के बीच ई साधारण कुरसी खटक रहल बा जवना पs तेजस्वी यादव बइठल बाड़े. ऊ डिप्टी सीएम रहल बाड़े. भला अइसे कइसे बइठ गइले ? झलक बबा कहले, बहुत खूब जटाशंकर ! तूं तs एकदम पारखी बाड़s. एक झटका में बात पकड़ ले लs.
किस्सा कुर्सी का, बिहार एपिसोड एसपेसल
फोट देखवला के बाद झलक बबा कहले, पटना के नेता जी इफ्तार पाटी के बड़ा बारीकी से हाल बतवले रहना. उनका मोताबिक, 22 तारीख के राजद के इफ्तार पाटी रहे. समय भइल तब मुखमंतरी नीतीश जी उहां पहुंचनी. तेजस्वी यादव, मुखमंतरी के आगवानी खातिर पहुंचले. एकरा बाद तेजस्वी आदर सहित मुखमंतरी के ले अइले अउर एक सोफा पs बइठा देले. सीएम के बगल में उहो बइठ गइले. मुखमंत्री के आवे से राजद के इफ्तार पाटी के रौनक बढ़ घइल रहे. मुखमंतरी के आवभगत खातिर तेजपरताप भी उहां पहुच गइले. मनमोताबिक जगह ना मिलल तs ऊ उहे सोफा के हत्था पs बइठ गइले जवना पs नीतीश जी अउर तेजस्वी बइठल रहन. राबड़ी जी अउर सांसद मीसा भारती भी उहां आ गइली. एही बीच एक भीआइपी गेस्ट आ गइले तs तेजस्वी अपना जगह से उठ के उनकर सोवागत करे चल गइले. पटना के नेता जी के मोताबिक, तेजस्वी के उठे से जब सीएम के बगल वला सीट खाली हो गइल तब तेजप्रताप ठप से उहां बइठ गइले. सोफा के हत्था पs पहिलहीं से बइठल रहन. जब भीआइपी गेस्ट के बइठा के तेजस्वी लौटले तs देखले कि उनका जगह पs तेजपरताप बइठल बाड़े. ई देख के ऊ कुनमुना गइले. एकरा बाद तेजस्वी घूम घूम के दावते इफ्तार के जायजा लेवे लगले. तेजस्वी सोचत रहन कि कुछ समय ऐने ओने रहब तs शायद तेजपरताप ऊहां से उठ जइहें. लेकिन तेजपरताप सीएम के बगल से टसमस ना भइले. तब तेजस्वी खातिर एगो छोट कुरसी मंगा के सीएम के सोफा के बगल में लगवाल गइल. तेजस्वी सोफा के बीच छोट कुरसी पs बइठे में असहज महसूस करत रहन. मने मन ऊ रंज भी भइले. लेकिन ऊपर से शांत अउर सहज बनल रहले. तेजस्वी डिप्टी सीएम रह चुकल बाड़े. एह हिसाब से उनका सीएम के बगल में बइठल चाहत रहे. उनका खातिर इहे सीट पहिले से तय भी रहे. लेकिन बीच में तेजपरताप के इंट्री हो गइल.
भाई-भाई में बोलाचाली बंद !
झलक बबा के मंडली में दीनानाथ भी बइठल रहन. दीनानाथ पूछले, तेजपरताप पs राजद नेता के पिटाई के आरोप लागल बा ? आखिर का बात बा ? तब झलक बबा कहले, हां ! ओह दिन इफ्तार पाटी के बाद एक बिबाद के भी चरचा हो रहल बा. बिबाद के खुलासा इफ्तार के तीन दिन बाद भइल रहे. राजद के युवा नेता रामराज यादव आरोप लगवले बाड़े कि तेजपरताप उनका साथे मारपीट कइले बाड़े. रूम बंद कर के उनकर पिटाई कइल गइल. हालांकि तेजपरताप एह आरोप से इंकार बा. उनकर कहनाम बा कि रामराज दोसरा के बहकावा में एह तरह के बयान दे रहल बाड़े. सच्चाई जवन होखे, लेकिन एह घटना के बाद दूनो भाई में दरार बढ़ गइल बा. अब तs तेजपरताप राबड़ी जी के आवास में ही रहे आ गइल बाड़े. लेकिन चर्चा बा कि दूनो भाई में बोलचाल बंद बा. एक घर में रहला के बादो बोलाचाली नइखे. चरचा ई बात के भी बा कि तेजपरताप के आवे से अब तेजस्वी इहां से दूर पोलो रोड के आपन सरकारी बंगला में रहे जाये वला बाड़े. एकर तइयारी चल रहल बा. लेकिन घर के लोग तेजस्वी का मनावे में जुटल बाड़े. 30 तारीख के लालू जी पटना आवे वला बाड़े. तब तक तेजस्वी के इंतजार करे के कहल जा रहल बा. अब सभ केहू के उमेद लालू जी पs ही टिकल बा. लालू जी एकरा पहिले भी दूनो भाई के झगरा सलटवले बाड़े. अतना बात कह के झलक बबा कान पs से चश्मा उतार के बगली में धर लेले. तब सभ लोग समझ गइल कि अब बाबा के खिस्सा खतम.
(अशोक कुमार शर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं, आलेख में लिखे विचार उनके निजी हैं.)
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FIRST PUBLISHED : May 03, 2022, 16:22 IST