JNA/सनोबर खान कि रिपोर्ट पटना बिहार:राजस्व कर्मचारियों द्वारा घूसखोरी और मनमानी पर कई खबरें हैं, जिनमें बिहार के राजस्व कर्मचारी प्रमोद कुमार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया और नरपतगंज के राजस्व कर्मचारी द्वारा जमाबंदी को पैसे के लिए बार-बार रिजेक्ट करने और फिर शुरू करने की शिकायत शामिल है। इसके अलावा, आरा जिले में सीओ और राजस्व कर्मचारियों द्वारा दाखिल-खारिज और परिमार्जन के काम में देरी करने और पैसे के लिए आवेदनों को लटकाने की बात सामने आई है, जिससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। विभिन्न घटनाओं का विवरण: रिश्वतखोरी और गिरफ्तारी: पटना में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने औरंगाबाद के ओबरा अंचल में तैनात राजस्व कर्मी प्रमोद कुमार को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। जमाबंदी में मनमानी: नरपतगंज में राजस्व कर्मचारियों की मनमानी से परेशान रेवाही पंचायत के जमीन मालिक शिकायत कर रहे हैं कि एक ही जमाबंदी को बार-बार रिजेक्ट कर दिया जाता है और फिर पैसे लेकर दोबारा शुरू किया जाता है, यह जानकारी फेसबुक पोस्ट में बताया गया है।
दाखिल-खारिज और परिमार्जन में देरी: आरा जिले में अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी दाखिल-खारिज और परिमार्जन के आवेदनों को लटका रहे हैं, जिससे लोगों को राजस्व रसीद काटने में परेशानी हो रही है और सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है।
प्रशासनिक निष्क्रियता: इन मामलों में शिकायतें दर्ज होने के बावजूद, प्रशासन द्वारा पर्याप्त कार्रवाई न होने से राजस्व कर्मचारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है।
यह स्थिति दर्शाती है कि राजस्व कर्मचारी अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे जनता परेशान है और राजस्व विभाग को भी नुकसान हो रहा है। पटना सिटी:दाखिल-खारिज व परिमार्जन के मामले में राजस्व कर्मचारी पारस भास्कर ,पशुराम सिंह की मनमानी चरम सीमा पर। दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के मामले में एवं राजस्व कर्मचारियों की मनमानी चरम पर है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के मामले में राजस्व कर्मचारियों पारस भास्कर की मनमानी चरम पर है, जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हालत यह है कि इनके लिए कोई नियम कानून नहीं है. अपने मन में जो आ गया, वही नियम कानून बन गया। परिमार्जन दाखिल-खारिज आदि के मामले में बिना चढ़ावे के काम नहीं किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ही नही ऐसा है सत्य है। लोग कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. पर उनके काम नहीं हो पा रहे हैं. इससे एक तरफ सरकार की बदनामी हो रही है, तो दूसरी तरफ लोगों में सरकार के विरुद्ध आक्रोश पैदा हो रहा है।
सरकार ने निर्देश दिया है कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन से संबंधित मामले को 35 दिनों के अंदर या फिर अंतिम रूप से 75 दिनों के अंदर निष्पादन करना है. ताकि लोगों को सुविधा हो सके. पर ऐसा नहीं किया जा रहा है। ताकि सरकार मि बदनामी हो सके। कर्मचारी दीदरगंज पारस भास्कर को अपने आला अधिकारियो का कोई भय नही रहता। जो मन मे आता वो अपने मन से सरकार के आदेश को ताख पर रख कर कार्य करते है। इस लिए पारस भास्कर को लगातार मानो बल बढ़ता जा रहा है। और आला अधिकारियों के द्वारा कोई करवाई भी नही की जाती। राजस्व कर्मचारियों द्वारा परिमार्जन एवं किसी अधिकारी की कार्रवाई का भय नहीं हो रहा है. ऐसे में समीक्षा का कोई अर्थ नहीं रह जाता है. लोगों की परेशानी दूर होने की जगह बढ़ते ही जा रही है। राजस्व वसूली पर पड़ रहा है बड़ा असर।
दीदर गंज अंचल के राजस्व कर्मचारी पारस भास्कर की मनमानी थमने का नाम ही है ले रहा है
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